सर्वे: कितने प्रतिशत भारतीय मानते हैं कि भारत को चीन के साथ युद्ध करना चाहिए?
भारत को इस साल पिछले छह महीने में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. कोरोना से जंग जारी है. चीन के साथ अब भी तनाव है. पीएम मोदी इन बड़े मुद्दों जिस तरह से हैंडल कर रहे हैं उस बारे में लोग क्या सोचते हैं. इंडिया टुडे और कार्वी सर्वे ने जाना.(फाइल फोटो)
से भारत कई मोर्चे पर संघर्ष कर रहा
है. कोरोना वायरस महामारी, इसकी वजह
से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव. चीन के साथ सीमा पर तनाव. ये वो बड़े
मुद्दे है जिनसे भारत को दो-चार होना पड़ रहा है. पीएम मोदी और उनकी सरकार ने इन
संकट का सामना कैसे किया? इंडिया
टुडे ने कार्वी इनसाइट्स के साथ मिलकर सर्वे किया. मूड ऑफ दे नेशन, यानी देश का मूड जानने की कोशिश की.
मूड ऑफ
दे नेशन सर्वे हर साल दो बार होता है. पहला जनवरी में और दूसरा अगस्त में. अपनी तरह
का एकमात्र सर्वे. इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन सर्वे ने जानने की कोशिश की औसत
भारतीय देश के बड़े मुद्दों पर क्या सोचता है?
कैसे किया गया सर्वे?
मूड ऑफ
दे नेशन सर्वे में 19 राज्यों की कुल 97 लोकसभा और 194 विधानसभा क्षेत्र के लोगों को शामिल किया गया. 12021 लोगों से बात हुई. जिन 19 राज्यों में ये सर्वे किया गया उनमें
आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल
हैं. ये सर्वे 15 जुलाई
से 27 जुलाई
के बीच किया गया. सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. इनमें से 67 फीसदी ग्रामीण और 33 फीसदी शहरी थे. सर्वे में 86 फीसदी हिन्दू, 9 फीसदी मुस्लिम और 5 फीसदी अन्य धर्म के लोगों से उनकी राय
जानी गई. सर्वे में शामिल 57 फीसदी
10 हजार
रुपये महीने से कम की आमदनी वाले थे, जबकि 28 फीसदी 10 से 20 हजार रुपये और 15 फीसदी 20 हजार रुपये महीने से ज्यादा कमाने
वाले थे. इनमें किसान, नौकरीपेशा, बेरोजगार, व्यापारी, छात्र और अन्य को शामिल किया गया.
चीन के मुद्दे पर क्या सोचते हैं लोग?
सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि
क्या भारत को
चीन के साथ युद्ध
करना चाहिए? 59 प्रतिशत
लोग चाहते हैं कि हां भारत को युद्ध करना चाहिए वहीं 34 फीसदी युद्ध के पक्ष में नहीं हैं.
सर्वे में शामिल 72 फीसदी
मानते हैं कि भारत चीन से युद्ध में जीत जाएगा. वहीं 9 प्रतिशत मानते हैं कि नहीं जीत सकते.
जबकि चीन के साथ युद्ध से गतिरोध बढ़ेगा ऐसा मानने वाले 10 प्रतिशत हैं.
चीन को भारत ने सही जवाब दिया है. ऐसा मानने वाले 69 प्रतिशत हैं. वहीं 15 फीसदी लोग मानते हैं सही जवाब नहीं दे पाए. जबकि 9 प्रतिशत मानते हैं कि भारत सरकार ने जानकारी छिपाई. गतिरोध के लिए कौन जिम्मेदार है? 47 फीसदी मानते हैं कि चीन की आक्रामक नीति गतिरोध के लिए जिम्मेदार है. क्या चीन पर भरोसा करना चाहिए? 84 प्रतिशत मानते हैं नहीं. वहीं 9 फीसदी का कहना था कि चीन पर भरोसा कर सकते हैं.
चीन के सामान का बहिष्कार करना
चाहिए? 90 प्रतिशत इसके पक्ष में हैं. जबकि 9 प्रतिशत चाहते हैं कि ऐसा नहीं करना
चाहिए.
भारत के आत्मनिर्भर कैंपन पर 53 प्रतिशत मानते हैं कि सही वक्त पर
लिया गया सही फैसला है. वहीं
38 प्रतिशत
का मानना है कि भारत अभी सक्षम नहीं है. आत्मनिर्भर बनने के लिए. सर्वे में शामिल 67 प्रतिशत लोग चीन के सामान का बहिष्कार
करने के लिए महंगी चीजें खरीदने को तैयार हैं. 30 प्रतिशत का कहना हैकि नहीं वो ऐसा
नहीं करेंगे.
क्या चीनी ऐप्स और कॉन्ट्रैक्ट को को
बैन करना सही फैसला है? 91 फीसदी
का मानना है सही है. जबकि 7 प्रतिशत
मानते हैं कि नहीं ऐसा नहीं करना चाहिए.
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